"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-ए": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "जोर" to "ज़ोर")
छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}


{| width="100%" style="background:transparent;"
{| class="bharattable-pink"
|-valign="top"
|-
|  
! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे
* एक पंथ दो काज
!  style="width:70%"| अर्थ
* एक करेला/गिलोय, दूसरे नीम चढ़ा।
|-
* एक अंडा वह भी गंदा।
| 1-एक पंथ दो काज
* एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे।
| अर्थ - एक काम के प्रयत्न से दो काम पूरे होना।
* एक अनार सौ बीमार।
|-
* एक आवे (आवाँ) के बर्तन।
|2- एक करेला/गिलोय, दूसरे नीम चढ़ा।
* एक और एक ग्यारह होते हैं।
|अर्थ - एक दोष होने के साथ ही साथ दूसरा दोष भी होना।
* एक के दूने से सौ के सवाये भले।
|-
* एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।
|3- एक अंडा वह भी गंदा।
* एक टकसाल के ढले।
|अर्थ - चीज़ भी थोड़ी है और जितनी है वह भी बेकार है।
* एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
|-
* एक तो चोरी दूसरे सीना-ज़ोरी।
|4- एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे।
* एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना।
|अर्थ - दिखावटी रोना या दिखावटी काम करना।
* एक मुँह दो बातें।
|-
* एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती।
|5- एक अनार सौ बीमार।
* एक हाथ से ताली नहीं बजती।
|अर्थ - चीज़ का कम होना और चाहने वाले ज़्यादा होना।
* एक ही लकड़ी से सबको हाँकना।
|-
* एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
|6- एक आवे (आवाँ) के बर्तन।
* एक आँख से देखना।
|अर्थ - सब का एक जैसा होना जैसे कुम्हार के आवे (आवाँ) में सभी बर्तन एक जैसे ही पकते हैं।
* एक-एक नस पहचानना।
|-
* एक घाट का पानी पीना।
|7- एक और एक ग्यारह होते हैं।
* एक लकड़ी से सबको हाँकना।
|अर्थ - एकता में बल होता है।
* एडि़याँ रगड़ना।
|-
* एड़ी-चोटी का पसीना एक करना।
|8- एक के दूने से सौ के सवाये भले।
|अर्थ - अधिक लाभ पर कम माल बेचने की अपेक्षा कम लाभ पर अधिक माल बेचना अधिक फ़ायदेमंद होता है।
|-
|9- एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।
|अर्थ - एक बुरा आदमी सारी बिरादरी की बदनामी कराता है।
|-
|10- एक टकसाल के ढले।
|अर्थ - सबका एक जैसा होना।
|-
|11- एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
|अर्थ - कोई भी भेदभाव नहीं होना अर्थात् समानता का होना।
|-
|12- एक तो चोरी दूसरे सीना-जोरी।
|अर्थ - कोई अपराध करके अपराध न मानना और उल्टे रौब गाँठना।
|-
|13- एक (ही) थैली के चट्टे-बट्टे होना।
|अर्थ - एक ही जैसे दुर्गुण वाले होना।
|-
|14- एक मुँह दो बातें।
|अर्थ - अपनी बात से पलट जाना।
|-
|15- एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती।
|अर्थ - समान अधिकार वाले दो व्यक्ति एक ही क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं।
|-
|16- एक हाथ से ताली नहीं बजती।
|अर्थ - झगड़े के लिए दोनों पक्ष ज़िम्मेदार होते हैं, एक के झगड़ा करने से झगड़ा नहीं होता है।
|-
|17- एक ही लकड़ी से सबको हाँकना।
|अर्थ - छोटे- बड़े का ध्यान न रखकर सबके साथ एक जैसा ही व्यवहार करना।
|-
|18- एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
|अर्थ - एक समय में एक ही काम हाथ में लेना चाहिए, कई काम एक साथ करने से कोई काम सही नहीं होता है।
|-
|19- एक आँख से देखना।
|अर्थ - सबको बराबर समझना।
|-
|20- एक-एक नस पहचानना।
|अर्थ - सब कुछ समझना।
|-
|21- एक घाट का पानी पीना।
|अर्थ - एकता और सहनशील होना।
|-
|22- एक लकड़ी से सबको हाँकना।
|अर्थ - यथायोग्य व्यवहार न करना।
|-
|23- एक ही थैली के चट्टे-बट्टे।
|अर्थ - एक जैसे चरित्र और विचार के लोग।
|-
|24- एडि़याँ रगड़ना।
|अर्थ - बहुत दौड़-धूप करना।
|-
|25- एड़ी-चोटी का पसीना एक करना।
| अर्थ - घोर परिश्रम करना।
|}
|}


पंक्ति 33: पंक्ति 85:
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
__INDEX__
__INDEX__
{{Theme pink}}

12:14, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र


कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1-एक पंथ दो काज अर्थ - एक काम के प्रयत्न से दो काम पूरे होना।
2- एक करेला/गिलोय, दूसरे नीम चढ़ा। अर्थ - एक दोष होने के साथ ही साथ दूसरा दोष भी होना।
3- एक अंडा वह भी गंदा। अर्थ - चीज़ भी थोड़ी है और जितनी है वह भी बेकार है।
4- एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे। अर्थ - दिखावटी रोना या दिखावटी काम करना।
5- एक अनार सौ बीमार। अर्थ - चीज़ का कम होना और चाहने वाले ज़्यादा होना।
6- एक आवे (आवाँ) के बर्तन। अर्थ - सब का एक जैसा होना जैसे कुम्हार के आवे (आवाँ) में सभी बर्तन एक जैसे ही पकते हैं।
7- एक और एक ग्यारह होते हैं। अर्थ - एकता में बल होता है।
8- एक के दूने से सौ के सवाये भले। अर्थ - अधिक लाभ पर कम माल बेचने की अपेक्षा कम लाभ पर अधिक माल बेचना अधिक फ़ायदेमंद होता है।
9- एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। अर्थ - एक बुरा आदमी सारी बिरादरी की बदनामी कराता है।
10- एक टकसाल के ढले। अर्थ - सबका एक जैसा होना।
11- एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी। अर्थ - कोई भी भेदभाव नहीं होना अर्थात् समानता का होना।
12- एक तो चोरी दूसरे सीना-जोरी। अर्थ - कोई अपराध करके अपराध न मानना और उल्टे रौब गाँठना।
13- एक (ही) थैली के चट्टे-बट्टे होना। अर्थ - एक ही जैसे दुर्गुण वाले होना।
14- एक मुँह दो बातें। अर्थ - अपनी बात से पलट जाना।
15- एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती। अर्थ - समान अधिकार वाले दो व्यक्ति एक ही क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं।
16- एक हाथ से ताली नहीं बजती। अर्थ - झगड़े के लिए दोनों पक्ष ज़िम्मेदार होते हैं, एक के झगड़ा करने से झगड़ा नहीं होता है।
17- एक ही लकड़ी से सबको हाँकना। अर्थ - छोटे- बड़े का ध्यान न रखकर सबके साथ एक जैसा ही व्यवहार करना।
18- एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय। अर्थ - एक समय में एक ही काम हाथ में लेना चाहिए, कई काम एक साथ करने से कोई काम सही नहीं होता है।
19- एक आँख से देखना। अर्थ - सबको बराबर समझना।
20- एक-एक नस पहचानना। अर्थ - सब कुछ समझना।
21- एक घाट का पानी पीना। अर्थ - एकता और सहनशील होना।
22- एक लकड़ी से सबको हाँकना। अर्थ - यथायोग्य व्यवहार न करना।
23- एक ही थैली के चट्टे-बट्टे। अर्थ - एक जैसे चरित्र और विचार के लोग।
24- एडि़याँ रगड़ना। अर्थ - बहुत दौड़-धूप करना।
25- एड़ी-चोटी का पसीना एक करना। अर्थ - घोर परिश्रम करना।