"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-आ": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}") |
||
(5 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 22 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
{| class="bharattable-pink" | |||
{| class=" | |||
|- | |- | ||
!कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ! style="width:30%"|कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ||
!अर्थ | ! style="width:70%"| अर्थ | ||
|- | |- | ||
| | | 1-आसमान से गिरा खजूर में अटका। | ||
1-आसमान से गिरा खजूर में अटका। | | अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना। | ||
| | |||
अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना। | |||
|- | |- | ||
|2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। | | | ||
2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। | |||
नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।। | नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।। | ||
| | | | ||
अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा। | अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा। | ||
|- | |- | ||
|3- आद्रा में जौ बोवै साठी। दु:खै मारि निकारै लाठी।। | |3- आद्रा में जौ बोवै साठी। | ||
दु:खै मारि निकारै लाठी।। | |||
| | | | ||
अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है। | अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है। | ||
पंक्ति 33: | पंक्ति 32: | ||
अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना। | अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना। | ||
|- | |- | ||
|7- आटे के साथ घुन भी पिसता है। | |7- [[आटे के साथ घुन|आटे के साथ घुन भी पिसता है।]] | ||
| | | | ||
अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है। | अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है। | ||
पंक्ति 41: | पंक्ति 40: | ||
अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न होता है्। | अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न होता है्। | ||
|- | |- | ||
|9- आम के आम गुठलियों के | |9- [[आम के आम|आम के आम गुठलियों के दाम]]। | ||
| | | | ||
अर्थ - दोहरा लाभ होना। | अर्थ - दोहरा लाभ होना। | ||
पंक्ति 53: | पंक्ति 52: | ||
अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए। | अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए। | ||
|- | |- | ||
|12- आँख और कान में चार अंगुल का | |12- आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़। | ||
| | | | ||
अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं। | अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं। | ||
पंक्ति 78: | पंक्ति 77: | ||
अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही। | अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही। | ||
|- | |- | ||
|18- आई मौज | |18- आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक। | ||
| | | | ||
अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है । | अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है । | ||
पंक्ति 91: | पंक्ति 90: | ||
अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना । | अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना । | ||
|- | |- | ||
|21- | |21- आस्तीन का साँप। | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - विश्वासघाती मित्र। | ||
|- | |- | ||
|22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है। | |22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है। | ||
पंक्ति 99: | पंक्ति 98: | ||
अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है। | अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है। | ||
|- | |- | ||
|23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा | |23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा | ||
| | | | ||
अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है। | अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है। | ||
पंक्ति 121: | पंक्ति 120: | ||
|28- आज का बनिया कल का सेठ। | |28- आज का बनिया कल का सेठ। | ||
| | | | ||
अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है | अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात् उन्नति करता है। | ||
|- | |- | ||
|29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br /> | |29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br /> | ||
पंक्ति 137: | पंक्ति 136: | ||
अर्थ - अलगाव की स्थिति होना। | अर्थ - अलगाव की स्थिति होना। | ||
|- | |- | ||
|32- आठ वार नौ | |32- आठ वार नौ त्योहार। | ||
| | | | ||
अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना। | अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना। | ||
पंक्ति 273: | पंक्ति 272: | ||
अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना। | अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना। | ||
|- | |- | ||
| | |86- आसमान सिर पर उठाना। | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - बहुत हो-हल्ला मचाना। | ||
|- | |- | ||
|67- आगे का पैर पीछे पड़ना। | |67- आगे का पैर पीछे पड़ना। | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - क़िस्मत उलटी होना। | ||
|- | |- | ||
|68- आटा गीला होना। | |68- आटा गीला होना। | ||
पंक्ति 285: | पंक्ति 284: | ||
अर्थ - विपत्ति में पड़ना। | अर्थ - विपत्ति में पड़ना। | ||
|- | |- | ||
|69- | |69- आसमान फट पड़ना। | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - अचानक आफ़त आ पड़ना। | ||
|- | |- | ||
|70- आटे दाल का भाव मालूम होना। | |70- आटे दाल का भाव मालूम होना। | ||
पंक्ति 343: | पंक्ति 342: | ||
|83- आसमान पर दिमाग होना। | |83- आसमान पर दिमाग होना। | ||
| | | | ||
अर्थ - बहुत घंमडी होना। | अर्थ - बहुत घंमडी होना। | ||
|- | |||
|84. [[आफ़त मचाना]] | |||
| | |||
अर्थ - होहल्ला करना, जल्दी करने के लिए शोर मचाना। | |||
|- | |||
|85. [[अंतिम घड़ियाँ गिनना]] | |||
| | |||
अर्थ - अंत या समाप्ति के निकट होना। | |||
|- | |- | ||
| | |86. [[आबरू पर बट्टा लगना ]] | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - कलंकित होना। | ||
|- | |||
|87. [[आफ़त मोल लेना]] | |||
| | |||
अर्थ - जान-बूझकर ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे कष्ट या विपत्ति झेलनी पड़े। | |||
|- | |||
|88. [[आफ़त में पड़ना]] | |||
| | |||
अर्थ - किसी झंझट या विपत्ति में फँसना। | |||
|- | |||
|89. [[आफ़त ढाना]] | |||
| | |||
अर्थ - दु:ख पहुँचाना। | |||
|- | |||
|90. [[आफ़त खड़ी करना]] | |||
| | |||
अर्थ - ऐसा काम करना जिससे दूसरों को कष्ट या परेशानी हो। | |||
|- | |- | ||
| | |91. [[आफ़त का मारा]] | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ -दु:खों तथा कष्टों से विकल और संत्रस्त। | ||
|- | |- | ||
| | |92. [[आफ़त का परकाला]] | ||
| | | | ||
अर्थ - | अर्थ - विकट विशेषत: दुस्साहसपूर्ण काम कर दिखाने वाला; प्रचंड। | ||
|- | |- | ||
|93. [[आफ़त उठानी पड़ना]] | |||
| | |||
अर्थ - कष्ट झेलना। | |||
|} | |} | ||
12:03, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
---|---|
1-आसमान से गिरा खजूर में अटका। | अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना। |
2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।। |
अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा। |
3- आद्रा में जौ बोवै साठी।
दु:खै मारि निकारै लाठी।। |
अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है। |
4- आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।। |
अर्थ - यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो और पुनर्वसु नक्षत्र में पानी न बरसे तो ऐसी फ़सल होगी कि कोई दिया हुआ अन्न नहीं खाएगा। |
5- आस-पास रबी बीच में खरीफ। नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।। |
अर्थ - खरीफ की फ़सल के बीच में रबी की फ़सल अच्छी नहीं होती है। |
6- आँख के अंधे नाम नैनसुख। |
अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना। |
7- आटे के साथ घुन भी पिसता है। |
अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है। |
8- आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर। |
अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न होता है्। |
9- आम के आम गुठलियों के दाम। |
अर्थ - दोहरा लाभ होना। |
10- आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस। |
अर्थ - व्यर्थ का आडम्बर रचना। |
11- आँख ओट पहाड़ ओट। |
अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए। |
12- आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़। |
अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं। |
13- आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक। |
अर्थ - आँख के आगे परदा पड़ा है तो क्या रास्ता सूझेगा। |
14- आँख बची और माल दोस्तों का। |
अर्थ - पलक झपकने से माल गायब हो सकता है। |
15- आँख सुख कलेजे ठंडक। |
अर्थ - परम शान्ति का होना। |
16- आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक। |
अर्थ - बनावटी दु:ख प्रकट करना। |
17- आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात, आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा। |
अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही। |
18- आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक। |
अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है । |
19- आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ। |
अर्थ - लाइलाज बीमारी। |
20- आओ-आओ घर तुम्हारा, खाना माँगे दुश्मन हमारा। |
अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना । |
21- आस्तीन का साँप। |
अर्थ - विश्वासघाती मित्र। |
22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है। |
अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है। |
23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा |
अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है। |
24- आग बिना धुआँ नहीं। |
अर्थ - हर चीज़ का कारण अवश्य ही होता है। |
25- आग लगने पर कुआं खोदना। |
अर्थ - आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना। |
26- आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे। |
अर्थ - जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत आना। |
27- आगे नाथ न पीछे पगहा। |
अर्थ - किसी का भी बंधन ना होना, पूर्णत: बंधनरहित होना। |
28- आज का बनिया कल का सेठ। |
अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात् उन्नति करता है। |
29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह। |
अर्थ - उम्मीदें कभी कभी विफल भी हो जाती हैं। |
30- आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए। |
अर्थ - ऐसी वस्तु जिसे बचाने में कठिनाई हो, जिसकी रक्षा करना मुश्किल हो जाए । |
31- आठ कनौजिया नौ चूल्हे। |
अर्थ - अलगाव की स्थिति होना। |
32- आठ वार नौ त्योहार। |
अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना। |
33- आदमी की दवा आदमी है। |
अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है या मनुष्य ही मनुष्य की सहायता करते हैं। |
34- आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है। |
अर्थ - आदमी बेकार की सुख-सुविधा जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो कम ही होती हैं। |
35- आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे। |
अर्थ - व्यक्ति व्यवहार से और सोना कसौटी पर कसने से पहचाना जाता है। |
36- आदमी पानी का बुलबुला है। |
अर्थ - मनुष्य का जीवन नाशवान है, इसीलिए यह जीवन अनमोल है। |
37- आधा तीतर आधी बटेर। |
अर्थ - बेमेल चीज़ों का सम्मिश्रण होना। |
38- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे। |
अर्थ - अधिक लालच करने से हानि ही होती है। |
39- आप काज़ महा काज़। |
अर्थ - अपना काम स्वयं करना ही अच्छा होता है। |
40- आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख। |
अर्थ - स्वयं तो काम करते नहीं और दूसरों को सीख देते हैं। |
41- आप पड़ोसन लड़े। |
अर्थ - बिना बात ही झगड़ा करना। |
42- आप भला तो जग भला। |
अर्थ - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं। |
43- आप मरे जग परलय। |
अर्थ - अपने मरने के बाद दुनिया में कुछ भी होता रहे। |
44- आप मरे बिन स्वर्ग न जावे। |
अर्थ - अपना काम स्वयं किए बिना ठीक नहीं होता। |
45- आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश। |
अर्थ - अपने पास कुछ भी नहीं है दूसरों की सहायता क्या करेगें। |
46- आपा तजे तो हरि को भजे। |
अर्थ - स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ प्राप्त होता है। |
47- आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी। |
अर्थ - वस्तु के पास होने पर भी सही भाषा ना जानने से समस्या आती है। |
48- आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार। |
अर्थ - बिना बात मुसीबत मोल लेना। |
49- आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम। |
अर्थ - अपने मतलब की बात करना। |
50- आए की खुशी न गए का गम। |
अर्थ - हर हालात में एक जैसा ही रहना। |
51- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास। |
अर्थ - उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना। |
52- आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे। |
अर्थ - जिसे आवश्यकता हो उसे न मिलकर किसी और को मिलना। |
53- आसमान का थूका मुँह पर आता है। |
अर्थ - बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है। |
54- आसमान से गिरा खजूर पर अटका। |
अर्थ - कोई काम पूरा होते-होते रह गया, एक मुसीबत से निकले तो दूसरी मुसीबत में फंस जाना। |
55- आकाश कुसुम। |
अर्थ - अनहोनी बात। |
56- आकाश चूमना। |
अर्थ - बुलन्द होना। |
57- आकाश से बातें करना। |
अर्थ - बहुत ऊँचा होना। |
58- आकाश पाताल एक करना। |
अर्थ - कोई उपाय न छोड़ना। |
59- आग पर तेल छिड़कना। |
अर्थ - और भड़काना। |
60- आग पर पानी डालना। |
अर्थ - झगड़ा मिटाना। |
61- आग पानी या आग और फूल का बैर होना। |
अर्थ - स्वाभाविक शत्रुता होना। |
62- आग बबूला होना। |
अर्थ - बहुत गुस्सा होना। |
63- आग में कूदना। |
अर्थ - जान जोखिम में डालना। |
64- आग लगने पर कुआँ खोदना। |
अर्थ - पहले से कोई उपाय न कर रखना। |
65- आग लगाकर तमाशा देखना। |
अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना। |
86- आसमान सिर पर उठाना। |
अर्थ - बहुत हो-हल्ला मचाना। |
67- आगे का पैर पीछे पड़ना। |
अर्थ - क़िस्मत उलटी होना। |
68- आटा गीला होना। |
अर्थ - विपत्ति में पड़ना। |
69- आसमान फट पड़ना। |
अर्थ - अचानक आफ़त आ पड़ना। |
70- आटे दाल का भाव मालूम होना। |
अर्थ - दुनियादारी ज्ञात होना। |
71- आठ-आठ आँसू रोना। |
अर्थ - बहुत पछतावा होना। |
72- आड़े आना। |
अर्थ - मुसीबत में सहायता करना। |
73- आड़े हाथों लेना। |
अर्थ - बातों से लज्जित कर देना। |
74- आधा तीतर आधा बटेर। |
अर्थ - बेमेल काम। |
75- आपे से बाहर होना। |
अर्थ - क्रोध से अपने वश में न रहना। |
76- आ बनना। |
अर्थ - मुसीबत पड़ना। |
77- आव न देखा ताव। |
अर्थ - बिना कारण। |
78- आवाज़ उठाना। |
अर्थ - विरोध प्रकट करना। |
79- आसन डोलना। |
अर्थ - विचलित होना। |
80- आसमान के तारे तोड़ना। |
अर्थ - असंभव कार्य करना। |
81- आसमान टूट पड़ना। |
अर्थ - अचानक विपत्ति आ पड़ना। |
82- आसमान पर चढ़ा देना। |
अर्थ - बहुत तारीफ करना। |
83- आसमान पर दिमाग होना। |
अर्थ - बहुत घंमडी होना। |
84. आफ़त मचाना |
अर्थ - होहल्ला करना, जल्दी करने के लिए शोर मचाना। |
85. अंतिम घड़ियाँ गिनना |
अर्थ - अंत या समाप्ति के निकट होना। |
86. आबरू पर बट्टा लगना |
अर्थ - कलंकित होना। |
87. आफ़त मोल लेना |
अर्थ - जान-बूझकर ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे कष्ट या विपत्ति झेलनी पड़े। |
88. आफ़त में पड़ना |
अर्थ - किसी झंझट या विपत्ति में फँसना। |
89. आफ़त ढाना |
अर्थ - दु:ख पहुँचाना। |
90. आफ़त खड़ी करना |
अर्थ - ऐसा काम करना जिससे दूसरों को कष्ट या परेशानी हो। |
91. आफ़त का मारा |
अर्थ -दु:खों तथा कष्टों से विकल और संत्रस्त। |
92. आफ़त का परकाला |
अर्थ - विकट विशेषत: दुस्साहसपूर्ण काम कर दिखाने वाला; प्रचंड। |
93. आफ़त उठानी पड़ना |
अर्थ - कष्ट झेलना। |