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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे
!अर्थ
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| 1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना।
1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना।
| अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता।
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अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता।
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|2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये।
|2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये।
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| अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं।
अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं।
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|3- चक्की  में कौर डालोगे तो चून पाओगे।
|3- चक्की  में कौर डालोगे तो चून पाओगे।
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| अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा।
अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा।
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|4- चट मँगनी पट ब्याह।
|4- चट मँगनी पट ब्याह।
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|अर्थ - तत्काल कार्य होना।
अर्थ - तत्काल कार्य होना।
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|5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम।
|5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम।
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|अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना।
अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना।
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|6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए।
|6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए।
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|अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए।
अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए।
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|7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए,<br />
|7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको।
हम भी लटके तुम भी लटको।
| अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा।
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अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा।
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|8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।
|8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।
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|अर्थ -  बहुत कंजूसी करना।
अर्थ -  बहुत कंजूसी करना।
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|9- चमार चमड़े का यार।
|9- चमार चमड़े का यार।
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|अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।।  
अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।।  
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|10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके।
|10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके।
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|अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।।
अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।।
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|11- चलती का नाम गाड़ी है।
|11- चलती का नाम गाड़ी है।
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|अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है।
अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है।
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|12- चाँद को भी ग्रहण लगता है।
|12- चाँद को भी ग्रहण लगता है।
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|अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है।
अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है।
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|13- चाकरी में न करी क्याद।
|13- चाकरी में न करी क्याद।
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|अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है।
अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है।
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|14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।
|14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।
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|अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है।
अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है।
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|15- चिकना मुँह पेट खाली।
|15- चिकना मुँह पेट ख़ाली।
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|अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना।
अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना।
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|16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता।
|16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता।
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|अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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|17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं।
|17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं।
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|अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं।   
अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं।   
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|18- चित भी मेरी पट भी मेरी।
|18- चित भी मेरी पट भी मेरी।
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|अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ।
अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ।
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|19- चिराग तले अँधेरा।
|19- चिराग तले अँधेरा।
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| अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना।
अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना।
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|20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी।
|20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी।
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| अर्थ - शाम होते ही सोने लगना।
अर्थ - शाम होते ही सोने लगना।
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|21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं।
|21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं।
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| अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।।   
अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।।   
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|22- चील के घोसले में मांस कहाँ।
|22- चील के घोसले में मांस कहाँ।
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|अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता।
अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता।
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|23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है।
|23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है।
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|अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना।
अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना।
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|24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना।
|24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना।
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|अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना।
अर्थ - शर्म आना।
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|25- चुल्लून–चुल्लू  साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा।
|25- चुल्लून–चुल्लू  साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा।
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|अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे।
अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे।
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|26- चूल्हे की न चक्की की।
|26- चूल्हे की न चक्की की।
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|अर्थ -घर का कोई काम न करना।  
अर्थ -घर का कोई काम न करना।  
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|27- चूहे का बच्चा  बिल ही खोदता है।
|27- चूहे का बच्चा  बिल ही खोदता है।
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|अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता।
अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता।
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|28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं।
|28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं।
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|अर्थ - थोड़ी वस्तु  से बड़ा काम नहीं हो सकता।
अर्थ - थोड़ी वस्तु  से बड़ा काम नहीं हो सकता।
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|29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल।
|29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल।
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|अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।।
अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।।
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|30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर।
|30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर।
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|अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना।
अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना।
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|31- चोर के पैर नहीं होते।
|31- चोर के पैर नहीं होते।
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|अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है।
अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है।
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|32- चोर-चोर मौसेरे भाई।
|32- चोर-चोर मौसेरे भाई।
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|अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है।
अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है।
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|33- चोर–चोरी से गया तो क्या  हेरा-फेरी से भी गया।
|33- चोर–चोरी से गया तो क्या  हेरा-फेरी से भी गया।
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|अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
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|34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए।
|34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए।
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|अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
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|35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले।
|35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले।
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|अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं।
अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं।
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|36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो।
|36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो।
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|अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला।
अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला।
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|37- चोरी और सीनाजोरी।
|37- चोरी और सीनाज़ोरी।
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|अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना।
अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना।
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|38- चोरी का धन मोरी में।
|38- चोरी का धन मोरी में।
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|अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है।
अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है।
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|39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए।
|39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए।
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|अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे।
अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे।
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|40- चंडाल चौकड़ी।
|40- चंडाल चौकड़ी।
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|अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह।  
अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह।  
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|41- चंडूखाने की गप्प मारना।
|41- चंडूखाने की गप्प मारना।
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|अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना।
अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना।
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|42- चचा बनाकर।
|42- चचा बनाकर।
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|अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना।  
अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना।  
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|43- चप्पा-चप्पा छान मारना।
|43- चप्पा-चप्पा छान मारना।
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|अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना।   
अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना।   
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|44- चलता पुरजा।
|44- चलता पुरजा।
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|अर्थ - चालाक और व्य‍वहार कुशल।  
अर्थ - चालाक और व्य‍वहार कुशल।  
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|45- चलता बनना।
|45- चलता बनना।
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|अर्थ - खिसक जाना।  
अर्थ - खिसक जाना।  
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|46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना।
|46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना।
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|अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना।
अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना।
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|47- चल बसना।
|47- [[चल बसना]]।
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|अर्थ - मर जाना।
अर्थ - मर जाना।
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|48- चांद खुजलाना।
|48- चांद खुजलाना।
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|अर्थ - पीटने का जी करना।  
अर्थ - पीटने का जी करना।  
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|49- चाँद पर थूकना।
|49- चाँद पर थूकना।
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|अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना।  
अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना।  
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|50- चाँदी काटना।
|50- चाँदी काटना।
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|अर्थ - खूब धन पैदा करना।  
अर्थ - खूब धन पैदा करना।  
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|51-  चादर से बाहर पैर पसारना।
|51-  चादर से बाहर पैर पसारना।
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|अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना।  
अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना।  
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|52- चार चाँद लगना।
|52- चार चाँद लगना।
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|अर्थ - बहुत शोभा होना।
अर्थ - बहुत शोभा होना।
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|53- चार दिन की चाँदनी।
|53- चार दिन की चाँदनी।
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|अर्थ - थोड़े दिनों का सुख।  
अर्थ - थोड़े दिनों का सुख।  
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|54- चारपाई से लगना।
|54- चारपाई से लगना।
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|अर्थ - बीमारी से उठ न पाना।  
अर्थ - बीमारी से उठ न पाना।  
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|55- चिकना घड़ा।
|55- चिकना घड़ा।
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|अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना।
अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना।
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|56- चित्त से उतरना।
|56- चित्त से उतरना।
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|अर्थ - भूल जाना।  
अर्थ - भूल जाना।  
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|57- चींटी के पर निकलना।
|57- चींटी के पर निकलना।
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|अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना।
अर्थ - नष्ट होने के करीब होना।
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|58- चुटिया हाथ में होना।
|58- चुटिया हाथ में होना।
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|अर्थ - वश में होना।  
अर्थ - वश में होना।  
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|59- चुल्‍लुओं लहू पीना।
|59- चुल्‍लुओं लहू पीना।
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|अर्थ - बहुत परेशान करना।
अर्थ - बहुत परेशान करना।
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|60- चूड़ियां पहनना।
|अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना।
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|61- चूना लगाना।
|अर्थ -  धोखा देना।
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|62- चूलें ढीली होना।
|अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना।
|-
|63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना।
|अर्थ - डर से घबराना।
|-
|64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना।
|अर्थ - कड़ा परिश्रम करना।
|-
|65- चोली दामन का साथ।
|अर्थ - घनिष्ठा संबंध।
|-
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|60- चुल्लू भर पानी में डूब मरना।
|66- चौदहवीं का चाँद।
|
|अर्थ - बहुत सुन्दर होना।
अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना।
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|61- चूड़ियां पहनना।
|67- [[चटकारे लेना|चटकारे /चटखारे लेना]]।
|
|अर्थ - मज़ा लेना।
अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना।
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|62- चूना लगाना।
|68- [[चटनी करना|चटनी करना/बनाना]]।
|
|अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना।
अर्थ - धोखा देना।
|-
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|63- चूलें ढीली होना।
|69-[[चटनी होना|चटनी होना/हो जाना]]।
|
|अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना।
अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना।
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|64- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना।
|70- [[चटाक से]]।
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|अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी।
अर्थ - डर से घबराना।
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|65- चोटी का पसीना एड़ी तक आना।
|71- [[चटाके का]]।
|
|अर्थ - ज़ोरों का।
अर्थ - कड़ा परिश्रम करना।
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|66- चोली दामन का साथ।
|72- [[चटाना]]।
|
|अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना।
अर्थ - घनिष्ठा संबंध।
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|67- चौदहवीं का चाँद।
|73- चढ्ढी देना।
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|अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना।
अर्थ - बहुत सुन्दर होना।
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|-
|74- [[चट्टे-बट्टे लड़ाना]]।
|अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना।
|-
|75- [[चढ़ जाना]]।
|अर्थ - आक्रमाण करना।
|-
|76- चड्ढी गाँठना।
|अर्थ - सवारी करना।
|-
|75- [[चढ़ बैठना]]।
|अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना।
|-
|76- [[चढ़ती उमर|चढ़ती उमर/जवानी]]।
|अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो।
|-
|77- [[चढ़ा जाना]]।
|अर्थ - पी या खा जाना।
|-
|78- [[चढ़ा देना]]।
|अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना।
|-
|79- चढ़ा -उपरी।
|अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़।
|- 
|80- [[चढ़ाकर आना]]।
|अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना।
|-
|81- [[चपत पड़ना]]।
|अर्थ - आघात लगना।
|- 
|82- [[चपरगट्टू बनाना]]।
|अर्थ - खूब दुर्दशा करना।
|- 
|83- [[चप्पा चप्पा छान डालना]]।
| अर्थ - हर एक जगह देख आना।
|- 
|84- [[चना चबाकर बातें करना]]।
|अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना।
|-
|85- [[चमक उठना]]
|अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना।
|-
|86-[[चमड़ा उधेड़ना|चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना]]।
|अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना।
|-
|87- [[चमड़ी मोटी होना]]।
|अर्थ - बेशर्म होना।
|-
|88- [[चरका देना]]।
|अर्थ - धोखा देना।
|-
|89- [[चरण चापना]]।
|अर्थ - सेवा करना।
|- 
|90- [[चरण चूमना|चरण चूमना/चरण छूना]]।
|अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना।
|-
|91- [[चरबी चढ़ना]]।
|अर्थ - मोटा होना।
|-
|92- [[चल पड़ना]]
|अर्थ - रवाना होना।
|-
|93- [[चाँदी का जूता]]।
|अर्थ - रिश्वत,घूस।
|-
|94- [[चलता कर देना]]।
|अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना।
|-
|95- [[चरणामृत लेना]]।
|अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना।
|-
|96- [[चरम बिंदु पर पहुँच जाना]]।
|अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना।
|-
|97- [[चलते फिरते नज़र आना]]।
|अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना।
|-
|98- [[चलना]]।
|अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील  रहना या होना।
|-
|99- [[चराना]]।
|अर्थ - बहकावा देना|  उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे?
|-
|100- [[चर्चा चलना]]।
|अर्थ - ज़िक्र छिड़ना।
|-
|101-[[चल देना]]।
|अर्थ - बिना कहे सुने या  चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना।
|-
|102- [[चलता करना]]।
|अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना।
|-
|103- [[चाँदी कर डालना]]।
|अर्थ - ख़ूब लाभ होना।
|-
|104- [[चंग पर चढ़ाना]]।
|अर्थ - बहुत अधिक बढ़ावा देना।
|-
|105- [[चंगुल में फँसना|चंगुल में फँसना/आना]]।
|अर्थ - पूरी तरह से किसी के वश में होना।
|-
|106- [[चंगुल से छुड़ाना]]।
|अर्थ - मुक्त करना।
|-
|107- [[चंडूख़ाने की गप्प]]।
|अर्थ - बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात।
|-
|108- [[चंद दिनों का मेहमान]]।
|अर्थ - मरणासन्न होना।
|-
|109- चंदन उतारना।
|अर्थ - पानी के साथ चंदन घिसना जिससे उसका अंश पानी में घुल जाए।
|-
|110- [[चंदन चढ़ाना]]।
|अर्थ - किसी चीज पर घिसे हुए चंदन का लेप करना।
|-
| 111- [[चकनाचूर होना]]।
|अर्थ - नष्ट हो जाना।
|-
|112- [[चकमा देना]]।
|अर्थ - धोखा देना।
|-
|113- [[चकमे में आना|चकमे में आना/आ जाना]]।
|अर्थ - धोखा खा जाना।
|-
|114- [[चक्कर आना]]।
|अर्थ - सिर चकराने लगना।
|-
|115- [[चक्कर काटना]]।
|अर्थ - किसी चीज के चारों ओर घूमना, मँडराना।
|-
|116-[[चक्कर मे होना]]।
|अर्थ - प्राप्ति या कार्य-साधन में लगे होना।
|-
|117- [[चक्का चलना]]।
|अर्थ - मशीन का चालू होना या रहना।
|-
|118- [[चखचख होना|चखचख होना/हो उठना]]।
|अर्थ - तू तू मैं मैं (आपस में लड़ाई-झगड़ा होना)।
|-
|119- [[चटकर जाना]]।
| अर्थ - सबका सब खा जाना।
|-
|120- [[चट मँगनी पट ब्याह]]।
|अर्थ - तुरंत किया जाने वाला किसी कार्य का निष्पादन।
|-
|121- चचा बनाना/बनाकर छोड़ना।
|अर्थ - उचित दंड या प्रतिफल दोना।
|-
|122- [[चक्र चलाना]]।
|अर्थ - योजना पूर्वक कार्य करना।
|-
|123- [[चक्की में पीसना]]।
|अर्थ - किसी भार स्वरूप काम में जुटे रहना।
|-
|124- [[चक्की पीसना|चक्की पीसना/पिसवाना]]।
|अर्थ - कठोर परिश्रम करना।
|-
|125- [[चक्का जाम होना|चक्का जाम होना/ हो जाना]]।
|अर्थ - मशीन बंद करना।
|-
|126- [[चक्का जाम करना|चक्का जाम करना/कर देना]]।
|अर्थ - रास्ता रोक देना, यातायात न चलने देना।
|}
|}


[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
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12:07, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता।
2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं।
3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा।
4- चट मँगनी पट ब्याह। अर्थ - तत्काल कार्य होना।
5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना।
6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए।
7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको। अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा।
8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। अर्थ - बहुत कंजूसी करना।
9- चमार चमड़े का यार। अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।।
10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।।
11- चलती का नाम गाड़ी है। अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है।
12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है।
13- चाकरी में न करी क्याद। अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है।
14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है।
15- चिकना मुँह पेट ख़ाली। अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना।
16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं।
18- चित भी मेरी पट भी मेरी। अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ।
19- चिराग तले अँधेरा। अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना।
20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। अर्थ - शाम होते ही सोने लगना।
21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।।
22- चील के घोसले में मांस कहाँ। अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता।
23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना।
24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना।
25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे।
26- चूल्हे की न चक्की की। अर्थ -घर का कोई काम न करना।
27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता।
28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता।
29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।।
30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना।
31- चोर के पैर नहीं होते। अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है।
32- चोर-चोर मौसेरे भाई। अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है।
33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं।
36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला।
37- चोरी और सीनाज़ोरी। अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना।
38- चोरी का धन मोरी में। अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है।
39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे।
40- चंडाल चौकड़ी। अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह।
41- चंडूखाने की गप्प मारना। अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना।
42- चचा बनाकर। अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना।
43- चप्पा-चप्पा छान मारना। अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना।
44- चलता पुरजा। अर्थ - चालाक और व्य‍वहार कुशल।
45- चलता बनना। अर्थ - खिसक जाना।
46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना। अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना।
47- चल बसना अर्थ - मर जाना।
48- चांद खुजलाना। अर्थ - पीटने का जी करना।
49- चाँद पर थूकना। अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना।
50- चाँदी काटना। अर्थ - खूब धन पैदा करना।
51- चादर से बाहर पैर पसारना। अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना।
52- चार चाँद लगना। अर्थ - बहुत शोभा होना।
53- चार दिन की चाँदनी। अर्थ - थोड़े दिनों का सुख।
54- चारपाई से लगना। अर्थ - बीमारी से उठ न पाना।
55- चिकना घड़ा। अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना।
56- चित्त से उतरना। अर्थ - भूल जाना।
57- चींटी के पर निकलना। अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना।
58- चुटिया हाथ में होना। अर्थ - वश में होना।
59- चुल्‍लुओं लहू पीना। अर्थ - बहुत परेशान करना।
60- चूड़ियां पहनना। अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना।
61- चूना लगाना। अर्थ - धोखा देना।
62- चूलें ढीली होना। अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना।
63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना। अर्थ - डर से घबराना।
64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना। अर्थ - कड़ा परिश्रम करना।
65- चोली दामन का साथ। अर्थ - घनिष्ठा संबंध।
66- चौदहवीं का चाँद। अर्थ - बहुत सुन्दर होना।
67- चटकारे /चटखारे लेना अर्थ - मज़ा लेना।
68- चटनी करना/बनाना अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना।
69-चटनी होना/हो जाना अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना।
70- चटाक से अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी।
71- चटाके का अर्थ - ज़ोरों का।
72- चटाना अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना।
73- चढ्ढी देना। अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना।
74- चट्टे-बट्टे लड़ाना अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना।
75- चढ़ जाना अर्थ - आक्रमाण करना।
76- चड्ढी गाँठना। अर्थ - सवारी करना।
75- चढ़ बैठना अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना।
76- चढ़ती उमर/जवानी अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो।
77- चढ़ा जाना अर्थ - पी या खा जाना।
78- चढ़ा देना अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना।
79- चढ़ा -उपरी। अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़।
80- चढ़ाकर आना अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना।
81- चपत पड़ना अर्थ - आघात लगना।
82- चपरगट्टू बनाना अर्थ - खूब दुर्दशा करना।
83- चप्पा चप्पा छान डालना  अर्थ - हर एक जगह देख आना।
84- चना चबाकर बातें करना अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना।
85- चमक उठना अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना।
86-चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना।
87- चमड़ी मोटी होना अर्थ - बेशर्म होना।
88- चरका देना अर्थ - धोखा देना।
89- चरण चापना अर्थ - सेवा करना।
90- चरण चूमना/चरण छूना अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना।
91- चरबी चढ़ना अर्थ - मोटा होना।
92- चल पड़ना अर्थ - रवाना होना।
93- चाँदी का जूता अर्थ - रिश्वत,घूस।
94- चलता कर देना अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना।
95- चरणामृत लेना अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना।
96- चरम बिंदु पर पहुँच जाना अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना।
97- चलते फिरते नज़र आना अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना।
98- चलना अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना।
99- चराना उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे?
100- चर्चा चलना अर्थ - ज़िक्र छिड़ना।
101-चल देना अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना।
102- चलता करना अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना।
103- चाँदी कर डालना अर्थ - ख़ूब लाभ होना।
104- चंग पर चढ़ाना अर्थ - बहुत अधिक बढ़ावा देना।
105- चंगुल में फँसना/आना अर्थ - पूरी तरह से किसी के वश में होना।
106- चंगुल से छुड़ाना अर्थ - मुक्त करना।
107- चंडूख़ाने की गप्प अर्थ - बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात।
108- चंद दिनों का मेहमान अर्थ - मरणासन्न होना।
109- चंदन उतारना। अर्थ - पानी के साथ चंदन घिसना जिससे उसका अंश पानी में घुल जाए।
110- चंदन चढ़ाना अर्थ - किसी चीज पर घिसे हुए चंदन का लेप करना।
111- चकनाचूर होना अर्थ - नष्ट हो जाना।
112- चकमा देना अर्थ - धोखा देना।
113- चकमे में आना/आ जाना अर्थ - धोखा खा जाना।
114- चक्कर आना अर्थ - सिर चकराने लगना।
115- चक्कर काटना अर्थ - किसी चीज के चारों ओर घूमना, मँडराना।
116-चक्कर मे होना अर्थ - प्राप्ति या कार्य-साधन में लगे होना।
117- चक्का चलना अर्थ - मशीन का चालू होना या रहना।
118- चखचख होना/हो उठना अर्थ - तू तू मैं मैं (आपस में लड़ाई-झगड़ा होना)।
119- चटकर जाना अर्थ - सबका सब खा जाना।
120- चट मँगनी पट ब्याह अर्थ - तुरंत किया जाने वाला किसी कार्य का निष्पादन।
121- चचा बनाना/बनाकर छोड़ना। अर्थ - उचित दंड या प्रतिफल दोना।
122- चक्र चलाना अर्थ - योजना पूर्वक कार्य करना।
123- चक्की में पीसना अर्थ - किसी भार स्वरूप काम में जुटे रहना।
124- चक्की पीसना/पिसवाना अर्थ - कठोर परिश्रम करना।
125- चक्का जाम होना/ हो जाना अर्थ - मशीन बंद करना।
126- चक्का जाम करना/कर देना अर्थ - रास्ता रोक देना, यातायात न चलने देना।