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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ||
!अर्थ | ! style="width:70%"| अर्थ | ||
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| | | 1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। | ||
1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। | | अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता। | ||
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अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता। | |||
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|2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। | |2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। | ||
| | | अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं। | ||
अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं। | |||
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|3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। | |3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। | ||
| | | अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा। | ||
अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा। | |||
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|4- चट मँगनी पट ब्याह। | |4- चट मँगनी पट ब्याह। | ||
| | |अर्थ - तत्काल कार्य होना। | ||
अर्थ - तत्काल कार्य होना। | |||
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|5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। | |5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। | ||
| | |अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना। | ||
अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना। | |||
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|6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। | |6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। | ||
| | |अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए। | ||
अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए। | |||
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|7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, | |7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको। | ||
हम भी लटके तुम भी लटको। | | अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा। | ||
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अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा। | |||
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|8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। | |8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। | ||
| | |अर्थ - बहुत कंजूसी करना। | ||
अर्थ - बहुत कंजूसी करना। | |||
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|9- चमार चमड़े का यार। | |9- चमार चमड़े का यार। | ||
| | |अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।। | ||
अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।। | |||
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|10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। | |10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। | ||
| | |अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।। | ||
अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।। | |||
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|11- चलती का नाम गाड़ी है। | |11- चलती का नाम गाड़ी है। | ||
| | |अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है। | ||
अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है। | |||
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|12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। | |12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। | ||
| | |अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है। | ||
अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है। | |||
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|13- चाकरी में न करी क्याद। | |13- चाकरी में न करी क्याद। | ||
| | |अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है। | ||
अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है। | |||
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|14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। | |14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। | ||
| | |अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है। | ||
अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है। | |||
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|15- चिकना मुँह पेट | |15- चिकना मुँह पेट ख़ाली। | ||
| | |अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना। | ||
अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना। | |||
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|16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। | |16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। | ||
| | |अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है। | ||
अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है। | |||
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|17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। | |17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। | ||
| | |अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं। | ||
अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं। | |||
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|18- चित भी मेरी पट भी मेरी। | |18- चित भी मेरी पट भी मेरी। | ||
| | |अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ। | ||
अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ। | |||
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|19- चिराग तले अँधेरा। | |19- चिराग तले अँधेरा। | ||
| | | अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना। | ||
अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना। | |||
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|20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। | |20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। | ||
| | | अर्थ - शाम होते ही सोने लगना। | ||
अर्थ - शाम होते ही सोने लगना। | |||
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|21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। | |21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। | ||
| | | अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।। | ||
अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।। | |||
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|22- चील के घोसले में मांस कहाँ। | |22- चील के घोसले में मांस कहाँ। | ||
| | |अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता। | ||
अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता। | |||
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|23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। | |23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। | ||
| | |अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना। | ||
अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना। | |||
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|24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। | |24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। | ||
| | |अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना। | ||
अर्थ - शर्म | |||
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|25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। | |25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। | ||
| | |अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे। | ||
अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे। | |||
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|26- चूल्हे की न चक्की की। | |26- चूल्हे की न चक्की की। | ||
| | |अर्थ -घर का कोई काम न करना। | ||
अर्थ -घर का कोई काम न करना। | |||
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|27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। | |27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। | ||
| | |अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता। | ||
अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता। | |||
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|28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। | |28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। | ||
| | |अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता। | ||
अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता। | |||
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|29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। | |29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। | ||
| | |अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।। | ||
अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।। | |||
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|30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। | |30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। | ||
| | |अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना। | ||
अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना। | |||
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|31- चोर के पैर नहीं होते। | |31- चोर के पैर नहीं होते। | ||
| | |अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है। | ||
अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है। | |||
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|32- चोर-चोर मौसेरे भाई। | |32- चोर-चोर मौसेरे भाई। | ||
| | |अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है। | ||
अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है। | |||
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|33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। | |33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। | ||
| | |अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | ||
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | |||
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|34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। | |34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। | ||
| | |अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | ||
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। | |||
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|35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। | |35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। | ||
| | |अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। | ||
अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। | |||
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|36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। | |36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। | ||
| | |अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला। | ||
अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला। | |||
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|37- चोरी और | |37- चोरी और सीनाज़ोरी। | ||
| | |अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना। | ||
अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना। | |||
|- | |- | ||
|38- चोरी का धन मोरी में। | |38- चोरी का धन मोरी में। | ||
| | |अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है। | ||
अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है। | |||
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|39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। | |39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। | ||
| | |अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे। | ||
अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे। | |||
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|40- चंडाल चौकड़ी। | |40- चंडाल चौकड़ी। | ||
| | |अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह। | ||
अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह। | |||
|- | |- | ||
|41- चंडूखाने की गप्प मारना। | |41- चंडूखाने की गप्प मारना। | ||
| | |अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना। | ||
अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना। | |||
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|42- चचा बनाकर। | |42- चचा बनाकर। | ||
| | |अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना। | ||
अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना। | |||
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|43- चप्पा-चप्पा छान मारना। | |43- चप्पा-चप्पा छान मारना। | ||
| | |अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना। | ||
अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना। | |||
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|44- चलता पुरजा। | |44- चलता पुरजा। | ||
| | |अर्थ - चालाक और व्यवहार कुशल। | ||
अर्थ - चालाक और व्यवहार कुशल। | |||
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|45- चलता बनना। | |45- चलता बनना। | ||
| | |अर्थ - खिसक जाना। | ||
अर्थ - खिसक जाना। | |||
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|46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना। | |46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना। | ||
| | |अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना। | ||
अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना। | |||
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|47- चल | |47- [[चल बसना]]। | ||
| | |अर्थ - मर जाना। | ||
अर्थ - मर जाना। | |||
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|48- चांद खुजलाना। | |48- चांद खुजलाना। | ||
| | |अर्थ - पीटने का जी करना। | ||
अर्थ - पीटने का जी करना। | |||
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|49- चाँद पर थूकना। | |49- चाँद पर थूकना। | ||
| | |अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना। | ||
अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना। | |||
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|50- चाँदी काटना। | |50- चाँदी काटना। | ||
| | |अर्थ - खूब धन पैदा करना। | ||
अर्थ - खूब धन पैदा करना। | |||
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|51- चादर से बाहर पैर पसारना। | |51- चादर से बाहर पैर पसारना। | ||
| | |अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना। | ||
अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना। | |||
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|52- चार चाँद लगना। | |52- चार चाँद लगना। | ||
| | |अर्थ - बहुत शोभा होना। | ||
अर्थ - बहुत शोभा होना। | |||
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|53- चार दिन की चाँदनी। | |53- चार दिन की चाँदनी। | ||
| | |अर्थ - थोड़े दिनों का सुख। | ||
अर्थ - थोड़े दिनों का सुख। | |||
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|54- चारपाई से लगना। | |54- चारपाई से लगना। | ||
| | |अर्थ - बीमारी से उठ न पाना। | ||
अर्थ - बीमारी से उठ न पाना। | |||
|- | |- | ||
|55- चिकना घड़ा। | |55- चिकना घड़ा। | ||
| | |अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना। | ||
अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना। | |||
|- | |- | ||
|56- चित्त से उतरना। | |56- चित्त से उतरना। | ||
| | |अर्थ - भूल जाना। | ||
अर्थ - भूल जाना। | |||
|- | |- | ||
|57- चींटी के पर निकलना। | |57- चींटी के पर निकलना। | ||
| | |अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना। | ||
अर्थ - नष्ट होने के | |||
|- | |- | ||
|58- चुटिया हाथ में होना। | |58- चुटिया हाथ में होना। | ||
| | |अर्थ - वश में होना। | ||
अर्थ - वश में होना। | |||
|- | |- | ||
|59- चुल्लुओं लहू पीना। | |59- चुल्लुओं लहू पीना। | ||
| | |अर्थ - बहुत परेशान करना। | ||
अर्थ - बहुत परेशान करना। | |- | ||
|60- चूड़ियां पहनना। | |||
|अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना। | |||
|- | |||
|61- चूना लगाना। | |||
|अर्थ - धोखा देना। | |||
|- | |||
|62- चूलें ढीली होना। | |||
|अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना। | |||
|- | |||
|63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना। | |||
|अर्थ - डर से घबराना। | |||
|- | |||
|64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना। | |||
|अर्थ - कड़ा परिश्रम करना। | |||
|- | |||
|65- चोली दामन का साथ। | |||
|अर्थ - घनिष्ठा संबंध। | |||
|- | |- | ||
| | |66- चौदहवीं का चाँद। | ||
| | |अर्थ - बहुत सुन्दर होना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |67- [[चटकारे लेना|चटकारे /चटखारे लेना]]। | ||
| | |अर्थ - मज़ा लेना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |68- [[चटनी करना|चटनी करना/बनाना]]। | ||
| | |अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |69-[[चटनी होना|चटनी होना/हो जाना]]। | ||
| | |अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |70- [[चटाक से]]। | ||
| | |अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |71- [[चटाके का]]। | ||
| | |अर्थ - ज़ोरों का। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |72- [[चटाना]]। | ||
| | |अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
| | |73- चढ्ढी देना। | ||
| | |अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना। | ||
अर्थ - | |||
|- | |- | ||
|74- [[चट्टे-बट्टे लड़ाना]]। | |||
|अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना। | |||
|- | |||
|75- [[चढ़ जाना]]। | |||
|अर्थ - आक्रमाण करना। | |||
|- | |||
|76- चड्ढी गाँठना। | |||
|अर्थ - सवारी करना। | |||
|- | |||
|75- [[चढ़ बैठना]]। | |||
|अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना। | |||
|- | |||
|76- [[चढ़ती उमर|चढ़ती उमर/जवानी]]। | |||
|अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो। | |||
|- | |||
|77- [[चढ़ा जाना]]। | |||
|अर्थ - पी या खा जाना। | |||
|- | |||
|78- [[चढ़ा देना]]। | |||
|अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना। | |||
|- | |||
|79- चढ़ा -उपरी। | |||
|अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़। | |||
|- | |||
|80- [[चढ़ाकर आना]]। | |||
|अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना। | |||
|- | |||
|81- [[चपत पड़ना]]। | |||
|अर्थ - आघात लगना। | |||
|- | |||
|82- [[चपरगट्टू बनाना]]। | |||
|अर्थ - खूब दुर्दशा करना। | |||
|- | |||
|83- [[चप्पा चप्पा छान डालना]]। | |||
| अर्थ - हर एक जगह देख आना। | |||
|- | |||
|84- [[चना चबाकर बातें करना]]। | |||
|अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना। | |||
|- | |||
|85- [[चमक उठना]] | |||
|अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना। | |||
|- | |||
|86-[[चमड़ा उधेड़ना|चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना]]। | |||
|अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना। | |||
|- | |||
|87- [[चमड़ी मोटी होना]]। | |||
|अर्थ - बेशर्म होना। | |||
|- | |||
|88- [[चरका देना]]। | |||
|अर्थ - धोखा देना। | |||
|- | |||
|89- [[चरण चापना]]। | |||
|अर्थ - सेवा करना। | |||
|- | |||
|90- [[चरण चूमना|चरण चूमना/चरण छूना]]। | |||
|अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना। | |||
|- | |||
|91- [[चरबी चढ़ना]]। | |||
|अर्थ - मोटा होना। | |||
|- | |||
|92- [[चल पड़ना]] | |||
|अर्थ - रवाना होना। | |||
|- | |||
|93- [[चाँदी का जूता]]। | |||
|अर्थ - रिश्वत,घूस। | |||
|- | |||
|94- [[चलता कर देना]]। | |||
|अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना। | |||
|- | |||
|95- [[चरणामृत लेना]]। | |||
|अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना। | |||
|- | |||
|96- [[चरम बिंदु पर पहुँच जाना]]। | |||
|अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना। | |||
|- | |||
|97- [[चलते फिरते नज़र आना]]। | |||
|अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना। | |||
|- | |||
|98- [[चलना]]। | |||
|अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना। | |||
|- | |||
|99- [[चराना]]। | |||
|अर्थ - बहकावा देना| उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे? | |||
|- | |||
|100- [[चर्चा चलना]]। | |||
|अर्थ - ज़िक्र छिड़ना। | |||
|- | |||
|101-[[चल देना]]। | |||
|अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना। | |||
|- | |||
|102- [[चलता करना]]। | |||
|अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना। | |||
|- | |||
|103- [[चाँदी कर डालना]]। | |||
|अर्थ - ख़ूब लाभ होना। | |||
|- | |||
|104- [[चंग पर चढ़ाना]]। | |||
|अर्थ - बहुत अधिक बढ़ावा देना। | |||
|- | |||
|105- [[चंगुल में फँसना|चंगुल में फँसना/आना]]। | |||
|अर्थ - पूरी तरह से किसी के वश में होना। | |||
|- | |||
|106- [[चंगुल से छुड़ाना]]। | |||
|अर्थ - मुक्त करना। | |||
|- | |||
|107- [[चंडूख़ाने की गप्प]]। | |||
|अर्थ - बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात। | |||
|- | |||
|108- [[चंद दिनों का मेहमान]]। | |||
|अर्थ - मरणासन्न होना। | |||
|- | |||
|109- चंदन उतारना। | |||
|अर्थ - पानी के साथ चंदन घिसना जिससे उसका अंश पानी में घुल जाए। | |||
|- | |||
|110- [[चंदन चढ़ाना]]। | |||
|अर्थ - किसी चीज पर घिसे हुए चंदन का लेप करना। | |||
|- | |||
| 111- [[चकनाचूर होना]]। | |||
|अर्थ - नष्ट हो जाना। | |||
|- | |||
|112- [[चकमा देना]]। | |||
|अर्थ - धोखा देना। | |||
|- | |||
|113- [[चकमे में आना|चकमे में आना/आ जाना]]। | |||
|अर्थ - धोखा खा जाना। | |||
|- | |||
|114- [[चक्कर आना]]। | |||
|अर्थ - सिर चकराने लगना। | |||
|- | |||
|115- [[चक्कर काटना]]। | |||
|अर्थ - किसी चीज के चारों ओर घूमना, मँडराना। | |||
|- | |||
|116-[[चक्कर मे होना]]। | |||
|अर्थ - प्राप्ति या कार्य-साधन में लगे होना। | |||
|- | |||
|117- [[चक्का चलना]]। | |||
|अर्थ - मशीन का चालू होना या रहना। | |||
|- | |||
|118- [[चखचख होना|चखचख होना/हो उठना]]। | |||
|अर्थ - तू तू मैं मैं (आपस में लड़ाई-झगड़ा होना)। | |||
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|119- [[चटकर जाना]]। | |||
| अर्थ - सबका सब खा जाना। | |||
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|120- [[चट मँगनी पट ब्याह]]। | |||
|अर्थ - तुरंत किया जाने वाला किसी कार्य का निष्पादन। | |||
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|121- चचा बनाना/बनाकर छोड़ना। | |||
|अर्थ - उचित दंड या प्रतिफल दोना। | |||
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|122- [[चक्र चलाना]]। | |||
|अर्थ - योजना पूर्वक कार्य करना। | |||
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|123- [[चक्की में पीसना]]। | |||
|अर्थ - किसी भार स्वरूप काम में जुटे रहना। | |||
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|124- [[चक्की पीसना|चक्की पीसना/पिसवाना]]। | |||
|अर्थ - कठोर परिश्रम करना। | |||
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|125- [[चक्का जाम होना|चक्का जाम होना/ हो जाना]]। | |||
|अर्थ - मशीन बंद करना। | |||
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|126- [[चक्का जाम करना|चक्का जाम करना/कर देना]]। | |||
|अर्थ - रास्ता रोक देना, यातायात न चलने देना। | |||
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12:07, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। | अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता। |
2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। | अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं। |
3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। | अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा। |
4- चट मँगनी पट ब्याह। | अर्थ - तत्काल कार्य होना। |
5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। | अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना। |
6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। | अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए। |
7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको। | अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा। |
8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। | अर्थ - बहुत कंजूसी करना। |
9- चमार चमड़े का यार। | अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।। |
10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। | अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।। |
11- चलती का नाम गाड़ी है। | अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है। |
12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। | अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है। |
13- चाकरी में न करी क्याद। | अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है। |
14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। | अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है। |
15- चिकना मुँह पेट ख़ाली। | अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना। |
16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। | अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है। |
17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। | अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं। |
18- चित भी मेरी पट भी मेरी। | अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ। |
19- चिराग तले अँधेरा। | अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना। |
20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। | अर्थ - शाम होते ही सोने लगना। |
21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। | अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।। |
22- चील के घोसले में मांस कहाँ। | अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता। |
23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। | अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना। |
24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। | अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना। |
25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। | अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे। |
26- चूल्हे की न चक्की की। | अर्थ -घर का कोई काम न करना। |
27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। | अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता। |
28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। | अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता। |
29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। | अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।। |
30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। | अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना। |
31- चोर के पैर नहीं होते। | अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है। |
32- चोर-चोर मौसेरे भाई। | अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है। |
33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। | अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। |
34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। | अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। |
35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। | अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। |
36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। | अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला। |
37- चोरी और सीनाज़ोरी। | अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना। |
38- चोरी का धन मोरी में। | अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है। |
39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। | अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे। |
40- चंडाल चौकड़ी। | अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह। |
41- चंडूखाने की गप्प मारना। | अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना। |
42- चचा बनाकर। | अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना। |
43- चप्पा-चप्पा छान मारना। | अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना। |
44- चलता पुरजा। | अर्थ - चालाक और व्यवहार कुशल। |
45- चलता बनना। | अर्थ - खिसक जाना। |
46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना। | अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना। |
47- चल बसना। | अर्थ - मर जाना। |
48- चांद खुजलाना। | अर्थ - पीटने का जी करना। |
49- चाँद पर थूकना। | अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना। |
50- चाँदी काटना। | अर्थ - खूब धन पैदा करना। |
51- चादर से बाहर पैर पसारना। | अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना। |
52- चार चाँद लगना। | अर्थ - बहुत शोभा होना। |
53- चार दिन की चाँदनी। | अर्थ - थोड़े दिनों का सुख। |
54- चारपाई से लगना। | अर्थ - बीमारी से उठ न पाना। |
55- चिकना घड़ा। | अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना। |
56- चित्त से उतरना। | अर्थ - भूल जाना। |
57- चींटी के पर निकलना। | अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना। |
58- चुटिया हाथ में होना। | अर्थ - वश में होना। |
59- चुल्लुओं लहू पीना। | अर्थ - बहुत परेशान करना। |
60- चूड़ियां पहनना। | अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना। |
61- चूना लगाना। | अर्थ - धोखा देना। |
62- चूलें ढीली होना। | अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना। |
63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना। | अर्थ - डर से घबराना। |
64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना। | अर्थ - कड़ा परिश्रम करना। |
65- चोली दामन का साथ। | अर्थ - घनिष्ठा संबंध। |
66- चौदहवीं का चाँद। | अर्थ - बहुत सुन्दर होना। |
67- चटकारे /चटखारे लेना। | अर्थ - मज़ा लेना। |
68- चटनी करना/बनाना। | अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना। |
69-चटनी होना/हो जाना। | अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना। |
70- चटाक से। | अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी। |
71- चटाके का। | अर्थ - ज़ोरों का। |
72- चटाना। | अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना। |
73- चढ्ढी देना। | अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना। |
74- चट्टे-बट्टे लड़ाना। | अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना। |
75- चढ़ जाना। | अर्थ - आक्रमाण करना। |
76- चड्ढी गाँठना। | अर्थ - सवारी करना। |
75- चढ़ बैठना। | अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना। |
76- चढ़ती उमर/जवानी। | अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो। |
77- चढ़ा जाना। | अर्थ - पी या खा जाना। |
78- चढ़ा देना। | अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना। |
79- चढ़ा -उपरी। | अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़। |
80- चढ़ाकर आना। | अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना। |
81- चपत पड़ना। | अर्थ - आघात लगना। |
82- चपरगट्टू बनाना। | अर्थ - खूब दुर्दशा करना। |
83- चप्पा चप्पा छान डालना। | अर्थ - हर एक जगह देख आना। |
84- चना चबाकर बातें करना। | अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना। |
85- चमक उठना | अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना। |
86-चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना। | अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना। |
87- चमड़ी मोटी होना। | अर्थ - बेशर्म होना। |
88- चरका देना। | अर्थ - धोखा देना। |
89- चरण चापना। | अर्थ - सेवा करना। |
90- चरण चूमना/चरण छूना। | अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना। |
91- चरबी चढ़ना। | अर्थ - मोटा होना। |
92- चल पड़ना | अर्थ - रवाना होना। |
93- चाँदी का जूता। | अर्थ - रिश्वत,घूस। |
94- चलता कर देना। | अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना। |
95- चरणामृत लेना। | अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना। |
96- चरम बिंदु पर पहुँच जाना। | अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना। |
97- चलते फिरते नज़र आना। | अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना। |
98- चलना। | अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना। |
99- चराना। | उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे? |
100- चर्चा चलना। | अर्थ - ज़िक्र छिड़ना। |
101-चल देना। | अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना। |
102- चलता करना। | अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना। |
103- चाँदी कर डालना। | अर्थ - ख़ूब लाभ होना। |
104- चंग पर चढ़ाना। | अर्थ - बहुत अधिक बढ़ावा देना। |
105- चंगुल में फँसना/आना। | अर्थ - पूरी तरह से किसी के वश में होना। |
106- चंगुल से छुड़ाना। | अर्थ - मुक्त करना। |
107- चंडूख़ाने की गप्प। | अर्थ - बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात। |
108- चंद दिनों का मेहमान। | अर्थ - मरणासन्न होना। |
109- चंदन उतारना। | अर्थ - पानी के साथ चंदन घिसना जिससे उसका अंश पानी में घुल जाए। |
110- चंदन चढ़ाना। | अर्थ - किसी चीज पर घिसे हुए चंदन का लेप करना। |
111- चकनाचूर होना। | अर्थ - नष्ट हो जाना। |
112- चकमा देना। | अर्थ - धोखा देना। |
113- चकमे में आना/आ जाना। | अर्थ - धोखा खा जाना। |
114- चक्कर आना। | अर्थ - सिर चकराने लगना। |
115- चक्कर काटना। | अर्थ - किसी चीज के चारों ओर घूमना, मँडराना। |
116-चक्कर मे होना। | अर्थ - प्राप्ति या कार्य-साधन में लगे होना। |
117- चक्का चलना। | अर्थ - मशीन का चालू होना या रहना। |
118- चखचख होना/हो उठना। | अर्थ - तू तू मैं मैं (आपस में लड़ाई-झगड़ा होना)। |
119- चटकर जाना। | अर्थ - सबका सब खा जाना। |
120- चट मँगनी पट ब्याह। | अर्थ - तुरंत किया जाने वाला किसी कार्य का निष्पादन। |
121- चचा बनाना/बनाकर छोड़ना। | अर्थ - उचित दंड या प्रतिफल दोना। |
122- चक्र चलाना। | अर्थ - योजना पूर्वक कार्य करना। |
123- चक्की में पीसना। | अर्थ - किसी भार स्वरूप काम में जुटे रहना। |
124- चक्की पीसना/पिसवाना। | अर्थ - कठोर परिश्रम करना। |
125- चक्का जाम होना/ हो जाना। | अर्थ - मशीन बंद करना। |
126- चक्का जाम करना/कर देना। | अर्थ - रास्ता रोक देना, यातायात न चलने देना। |