"अड़ जाना": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
'''अर्थ'''- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।
'''अर्थ'''- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।


'''प्रयोग'''- ढंग से फुसला-समझकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी छोड़ी-सी अड़ जाती थी। [[शिवानी]]।
'''प्रयोग'''- ढंग से फुसला-समझाकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी घोड़ी-सी अड़ जाती थी। ...[[शिवानी]]।




पंक्ति 9: पंक्ति 9:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

12:08, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

अड़ जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।

प्रयोग- ढंग से फुसला-समझाकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी घोड़ी-सी अड़ जाती थी। ...शिवानी


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र