सपना वर्मा (वार्ता | योगदान) (''''आँखें बिछाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''आँखें बिछाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | '''आँखें बिछाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | ||
'''अर्थ'''- स्नेह या आदरपूर्वक किसी | '''अर्थ'''- स्नेह या आदरपूर्वक किसी का स्वागत करना। | ||
'''प्रयोग'''- | '''प्रयोग'''-घर पर कौन तुम्हारी स्त्री है कि तुम्हारे लिए [[आँख|आँखें]] बिछाए बैठी होगी। - ([[जवाहर सिंह]]) | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
12:10, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
आँखें बिछाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- स्नेह या आदरपूर्वक किसी का स्वागत करना।
प्रयोग-घर पर कौन तुम्हारी स्त्री है कि तुम्हारे लिए आँखें बिछाए बैठी होगी। - (जवाहर सिंह)