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12:46, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
घर में झाड फिरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- घर में कुछ भी न रह जाना।
प्रयोग- घर में झाड़ फिरी हुई थी, एक टूटी हाँडी भी न मिली। (प्रेमचंद)