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'''खुलना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
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'''अर्थ'''- (मन मे दबा रखी हुई) भेद की बात कहना  
'''अर्थ'''- (मन में दबा रखी) भेद की बात कहना  


'''प्रयोग'''- कुछ दिनों तक तो उन आँखों की भाषा मुझ पर खुलती न थी।
'''प्रयोग'''- कुछ [[दिन|दिनों]] तक तो उन [[आँख|आँखों]] की [[भाषा]] मुझ पर खुलती न थी।
   
   
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12:40, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

खुलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- (मन में दबा रखी) भेद की बात कहना

प्रयोग- कुछ दिनों तक तो उन आँखों की भाषा मुझ पर खुलती न थी।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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