"माथे पर बल पड़ना": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''माथे पर बल पड़ना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लो�)
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
'''अर्थ'''- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।
'''अर्थ'''- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।


'''प्रयोग'''- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।
'''प्रयोग'''- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफ़ी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:31, 25 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

माथे पर बल पड़ना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।

प्रयोग- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफ़ी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र