"आवाज़ भर्रा जाना": अवतरणों में अंतर

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'''अर्थ'''- चिंता, भय आदि के कारण गले में से आवाज़ का कुछ काँपते हुए-सा निकलना।  
'''अर्थ'''- चिंता, भय आदि के कारण गले में से आवाज़ का कुछ काँपते हुए-सा निकलना।  


'''प्रयोग'''- जाने क्यों कहते कहते जमीला की आखें भर आईं और आवाज़ भर्रा गई। - (भूषण वनमाली)
'''प्रयोग'''- जाने क्यों कहते कहते जमीला की आँखें भर आईं और आवाज़ भर्रा गई। - (भूषण वनमाली)





05:39, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

आवाज़ भर्रा जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- चिंता, भय आदि के कारण गले में से आवाज़ का कुछ काँपते हुए-सा निकलना।

प्रयोग- जाने क्यों कहते कहते जमीला की आँखें भर आईं और आवाज़ भर्रा गई। - (भूषण वनमाली)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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