कतरनी की तरह ज़बान चलना
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कतरनी की तरह ज़बान चलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- बिना अवसर - अनवसर देखे अथवा बिना छोटे- बड़े का लिहाज़ किए, जो मन में उल्टा-सीधा आए बक देना।
प्रयोग- कल की छोकरी, गज़ भर लंबी ज़बान और वह भी कतरनी की तरह चलनेवाली।