आग उगलना
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आग उगलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- आग की तरह धधकने लगन।
- आवेश में आकर में आकर जली-कटी सुनाना।
प्रयोग-
- सूर्यकांत मणि यों तो छूंने में ठंडी लगती है, पर जब सूर्य उस पर अपना प्रकाश डालता है, तब वह भी आग उगलने लगती है।- (सीताराम चतुर्वेदी)
- न जाने क्यों उसको मुझसे कैसी चिढ़ है कि मेरी शक्ल देखते है आग उगलने लगता है।
- और ये दूसरे मोटॆ से, गोरे से जो मंत्री हैं जब भाषण करते थे। - (गिरधर गोपाल)