आग उगलना

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आग उगलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. आग की तरह धधकने लगन।
  2. आवेश में आकर में आकर जली-कटी सुनाना।


प्रयोग-

  1. सूर्यकांत मणि यों तो छूंने में ठंडी लगती है, पर जब सूर्य उस पर अपना प्रकाश डालता है, तब वह भी आग उगलने लगती है।- (सीताराम चतुर्वेदी)
  2. न जाने क्यों उसको मुझसे कैसी चिढ़ है कि मेरी शक्ल देखते है आग उगलने लगता है।
  3. और ये दूसरे मोटॆ से, गोरे से जो मंत्री हैं जब भाषण करते थे। - (गिरधर गोपाल)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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