अनाप-शनाप खर्च करना
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अनाप-शनाप खर्च करना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- व्यर्थ के कामों में खर्च करना।
प्रयोग- अपनी आमदनी की परवाह न करता हुआ अनाप शनाप खर्च करता है। (प्रेमचंद)