कँगसी - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कङ्कनी = कँगही)[1]
पंजा गठना। कक्कन। कँची।
क्रिया प्रयोग- बाँधना। गठना।
यौगिक- कंगसी की उड़ान = मालखंभ में एक प्रकार की सादी पकड़, जिसमें दोनों हाथों से कँगसी बाँधकर या पंजा गठकर उड़ना पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 730 |
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