कक्की - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (देशज)[1]
एक प्रकार का छोटा वृक्ष जिसकी पत्तियाँ चारे के काम आती हैं।
विशेषण 'कठसेमल'
कक्की संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्क)
गाँसीदार, बाण।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 735 |
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