कँड़िहारा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कर्णधार)[1]
उदाहरण-
सतगुरु भव तारण कँड़िहारा। - कबीर सागर[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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कँड़िहारा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कर्णधार)[1]
उदाहरण-
सतगुरु भव तारण कँड़िहारा। - कबीर सागर[2]
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