कउवा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कौवा)[1]
उदाहरण-
आँखि निर्माणी क्या करइ कउवा लवइ निलज्ज। - ढोला मारू र दूहा[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
- ↑ ढोला मारू र दूहा, 520, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा · काशी, द्वितीय संस्करण
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