कछरा - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत क=जल+क्षरण+गिरना) (स्त्रीलिंग अल्पार्थक कछरी)[1]
चौड़े मुँह का घड़ा बरतन जिसमें पानी, दूध या अन्न रखा जाता है। इसकी अँबठ ऊँची और दृढ़ होती है।
उदाहरण-
बाँधे न मैं बछरा लै गरैयन छीर भर्यो कछरा सिर फूटिहै। - कवि बेनी प्रवीन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 743 |
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