कंबुक - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कम्बु)[1]
उदाहरण-
जब तें तेरे कुच रुचिर, हरि हेरे भरि नैन। कनक कलस, कंबुक ककुद नीके तनक लगैं न। - संक्षिप्त रामचंद्रिका[2]
2. वह जो अधम हो[3]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 728 |
- ↑ संक्षिप्त रामचंद्रिका, पृष्ठ 257, सम्पादक लाला भगवानदीन, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, षष्ठ संस्करण
- ↑ अन्य कोश
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