कंठला - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कंठ + ला प्रत्यय)[1]
1. गले में पहनने का बच्चों का एक गहना। कठुला।
विशेष- नजरबट्ट, बाघ का नख, दो चार तावीज आादि को तागे में गूंथकर बालकों को उनके रक्षार्थ पहनाते हैं।
2. घेरा डालना। घेरा।
उदाहरण- ऊड़छा उप्परि कंठला करि षराभष्षुरि अख्खुरे। - पृथ्वीराज रासो[2]
कंठला - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कंठला)
बेंत की बनी डलिया[3]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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