कंघा - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कत, प्राकृत कंकअ) (स्त्रीलिंग अल्पार्थक कंघी)[1]
1. लकड़ी, सींग आदि की बनी हुई चीज जिसमें लंबे-लंबे पतले दाँत होते हैं। इससे सिर के बाल झाड़े या साफ किए जाते हैं।
2. बड़े आकार की कंघी।
3. जुलाहों का एक औज़ार जिससे वे करघे में भरनी के तागों को कसते हैं। बय। बोला। बैसर।
'कंघी'
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 718 |
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