कंटक

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कंटक - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्टक) (विशेषण कंटकिट)[1]

1. काँटा

उदाहरण-

ध्वज कुलिस अंकुस कंज जुत बन फिरत कंटक किन लहे। - रामचरितमानस[2]

2. सूई की नोक।

3. क्षुद्र शत्रु।

4. वाम मार्ग वालों के अनुसार वह पुरुष जो वाममार्गी न हो या वाममार्ग का विरोधी हो। पशु।

5. विघ्न। बाधा। बखेड़ा।

6. रोमांच।

7. ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में पहला, चौथा, सातवां और दसर्वां स्थान।

8. बाधक। विघ्नकर्ता।

उदाहरण-

जो निज गो-द्विज-देव धर्म कर्मों का कंटक।[3]

9. बख्तर। कवच।[4]

यौगिक - निष्कंटक।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 720 |
  2. रामचरितमानस, 1।13, सम्पादक शंभूनारायण चौबे, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
  3. साकेत, पृष्ठ 417
  4. डिंगल

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