कंठारूधन - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ + रोध)[1]
1. साँस रुकना।
2. मृत्यु के निकट की अवस्था।
उदाहरण-
कंठारूँधन भए मोह में लागा अजहूँ। - पलटू[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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कंठारूधन - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ + रोध)[1]
1. साँस रुकना।
2. मृत्यु के निकट की अवस्था।
उदाहरण-
कंठारूँधन भए मोह में लागा अजहूँ। - पलटू[2]
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