कंडरा - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत)[1]
मोटी नस। मोटी नाड़ी।
विशेष- सुश्रुत में सोलह कंडराएँ मानी गई हैं जिनसे शरीर के अवयव फैलते और सुकड़ते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 723 |
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