ककमारी - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत काक = कौवा+मारना)[1]
एक प्रकार की बड़ी लता, जो अवध, बंगाल और दक्षिण भारत में होती है।
विशेष- इसकी पत्तियाँ चार से आठ इंच तक लंबी होती हैं। फूल नीलापन लिए पीले रंग के और बहुत सुगंधित होते हैं। इसमें छोटे छोटे तीक्ष्ण फल लगते हैं जो मछलियों और कौवों के लिये मादक होते हैं। विलायत में जौ की शराब में इसका मेल दिया जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
संबंधित लेख
|