कच्ची कली - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्ची+कली)[1]
- वह कली जिसके खिलने में देर हो।
- मुँहबँधी कली।
- स्त्री जो पुरुष समागम के योग्य न हो।
- अप्राप्तयौवना।
- जिस स्त्री से पुरुष समागम न हुआ हो।
- अछूती।
मुहावरा-
'कच्ची कली टूटना' =
- थोड़ी अवस्था वाले का मरना।
- बहुत छोटी अवस्था वाली या कुमारी का पुरुष से संभोग होना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
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