कचहरी (शब्द सन्दर्भ)

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कचहरी - संज्ञा स्त्रीलिंग (देशज अथवा संस्कृत कष+गृह = कषगृह, व्युत्पन्न 'कषघरी', व्युत्पन्न 'कशवरी', व्युत्पन्न 'कछहरी', व्युत्पन्न 'कचहरी' अथवा संस्कृत कृत्य=कर्तव्य + गृह, व्युत्पन्न 'कच्चघरी', व्युत्पन्न 'कचहरी')[1]

1. गोष्ठी। जमावड़ा। जैसे- तुम्हारे यहाँ दिन रात कचहरी लगी रहती है।

2. दरबार। राजसभा।

उदाहरण- अमरसिंह राजा को नामा। नागी कचहरी बहु विधि धामा। - कबीर सागर[2]

क्रिया प्रयोग- उठना। करना। बैठना। लगना। लगाना।

3. न्यायालय। अदालत।

क्रिया प्रयोग- उठना। करना। लगाना।

मुहावरा- 'कचहरी चढ़ना' = अदालत तक मामला ले जाना।

4. न्यायालय का दफ्तर।

5. दफ्तर। कार्यालय।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 738 |
  2. कबीर सागर, भाग 4, पृष्ठ 455, सम्पादक श्री युगलानंद बिहारी, वेंकटेश्वर स्टीम प्रिंटिंग प्रेस, मुम्बई

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