ककनू - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (अरबी क़ुक़नूस)[1]
एक पक्षी।
ककनूँ पँखि जैसे सर साजा। - जायसी ग्रंथावली[2]
विशेष- इसके सम्बंध में प्रसिद्ध है कि यह बहुत मधुर गाता है और अपने गान से उत्पन्न अग्नि में ही जल जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
- ↑ जायसी ग्रंथावली, पृष्ठ 258, सम्पादक रामचंद्र शुक्ल, नागरी प्रचारिणी सभा, द्वितीय संस्करण
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