कइथिन - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कायथ का स्त्रीलिंग)[1]
कायथ।
उदाहरण-
कइथिनी चली समाहि न आँगा। - पद्मावत[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
- ↑ पद्मावत, पृष्ठ 84, सम्पादक वासुदेव शरण अग्रवाल, साहित्य सदन, चिरगाँव, झाँसी, प्रथम संस्करण
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