कँवरी - (प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कोर?)[1]
तमोलियों की भाषा में पचास पान की एक गड्डी। (चार कँवरी की एक गड्डी होती है।)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
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