कंगण - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कण)[1]
1. लोहे का एक चक्र जिसे अकाली सिक्ख सिर में बाँधते हैं।
2. कंकण
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 718 |
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