ककराली - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कक्ष, पाली कक्ख, हिन्दी काँख+वाली प्रत्यय)[1]
काँख का एक फोड़ा। वह गिल्टी जो बगल में निकलती है। कंद्दराली। कंखवाली। कँखौरी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
संबंधित लेख
|