कचट - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कचोट)[1]
1. कचक।
2. चुभन।
उदाहरण- उन गीतों में आशा, उपालंभ, वेदना और स्मृतियों को कचट, ठेस और उदासी भरी रहती। - आकाशदीप[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 736 |
- ↑ आकाशदीप, पृष्ठ 107, जयशंकर प्रसाद, भारती भण्डार, इलाहाबाद, पंचम संस्करण
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