कज्जलवन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कज्जलवन - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संज्ञा कदली+वन)[1]

  • कजलीवन

उदाहरण-

मारू चाली मंदिराँ, चंदउ बादल माँहि। जाँणो गयँद उलट्टियउ, कज्जलवन मँह जाहि। - ढोला मारू रा दूहा[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 746 |
  2. ढोला मारू रा दूहा, पृष्ठ 538, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, द्वितीय संस्करण

संबंधित लेख