ककोणि

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ककोणि - संज्ञा पुल्लिंग {संस्कृत कोकमद, व्युत्पन्न प्राकृत कोकणअ व्युत्पन्न(वर्णविपर्यय) ककोणाथ, व्युत्पन्न ककोणाई = लाल अथवा देशज}[1]

उदाहरण-

श्रोणित रक्त ककोणि पुनि रुधिर असृक क्षतजात। - नंददास ग्रंथावली[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 734 |
  2. नंददास ग्रंथावली, पृष्ठ 32, सम्पादक ब्रजरत्नदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

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