कंठाग्रहण - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठग्रहण)[1]
कंठाश्लेष। कंठालिंगन। गले लगाना।
उदाहरण-
दूरि थकॉ ही सज्जणाँ कंठाग्रहण करंति। - ढोला मारू र दूहा[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 722 |
- ↑ ढोला मारू र दूहा, 214, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, द्वितीय संस्करण
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