कटकई

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कटकई - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कटक+ई प्रत्यय)[1]

1. कटक, सेना, फौज, लश्कर।

उदाहरण-

मुख सूखहि लोचन श्रवहिं शोक न हृदय समाइ। मनहु करुण रस कटकई उतरी अवध बजाई। - तुलसी साहब की शब्दावली[2]

2. चढ़ाई, सेना का साज।

कटकाई।

उदाहरण-

भई कटकई सरद ससि आवा। - जायसी ग्रंथावली[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 746 |
  2. तुलसी साहब की शब्दावली (हाथरस वाले, बेलवेडियर प्रेस, इलाहाबाद, 1909, 1911
  3. जायसी ग्रंथावली, पृष्ठ 147, सम्पादक माताप्रसाद गुप्त, हिन्दुस्तानी ऐकेडमी, इलाहाबाद, प्रथम संस्करण, 1951

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