"कचरकूट": अवतरणों में अंतर
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'''कचरकूट''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कचरना+कूटना)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=737|url=|ISBN=}}</ref> | '''कचरकूट''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कचरना+कूटना)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=737|url=|ISBN=}}</ref> | ||
*खूब पीटना और लतियाना। | |||
*मारकूट। | |||
क्रिया प्रयोग- करना। मचाना। | '''क्रिया प्रयोग''' - करना। मचाना। | ||
*खूब भरपेट भोजन। | |||
*इच्छाभोजन। | |||
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तो कोई गोश्त रोटी और कबाब की कचरकूट मचा चला। - प्रेमघन सर्वस्व<ref>प्रेमघन सर्वस्व, भाग 2, पृष्ठ 142, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, [[1996]] वि.<br /></ref> | तो कोई गोश्त रोटी और कबाब की कचरकूट मचा चला। - प्रेमघन सर्वस्व<ref>प्रेमघन सर्वस्व, भाग 2, पृष्ठ 142, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, [[1996]] वि.<br /></ref> |
09:29, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कचरकूट - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कचरना+कूटना)[1]
- खूब पीटना और लतियाना।
- मारकूट।
क्रिया प्रयोग - करना। मचाना।
- खूब भरपेट भोजन।
- इच्छाभोजन।
उदाहरण -
तो कोई गोश्त रोटी और कबाब की कचरकूट मचा चला। - प्रेमघन सर्वस्व[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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