कग्ग
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:33, 30 अक्टूबर 2021 का अवतरण (''''कग्ग''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) विशेषण (सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
कग्ग - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) विशेषण (संस्कृत काक, हिन्दी काग)[1]
धृष्ट। ठीठ।
उदाहरण-
सकट व्यूह सजि सुभग कग्ग चामंड अग्ग करि। - पृथ्वीराज रासो[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|