कचरकूट

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कचरकूट - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कचरना+कूटना)[1]

  • खूब पीटना और लतियाना।
  • मारकूट।

क्रिया प्रयोग - करना। मचाना।

  • खूब भरपेट भोजन।
  • इच्छाभोजन।

उदाहरण -

तो कोई गोश्त रोटी और कबाब की कचरकूट मचा चला। - प्रेमघन सर्वस्व[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 737 |
  2. प्रेमघन सर्वस्व, भाग 2, पृष्ठ 142, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, 1996 वि.

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