कँठ

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कँठ - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ)[1]

कंठ

उदाहरण-

जेहिं किरिरा सो सोहाग सोहागी। चंदा जैस स्यामि कँठ लागी। - जायसी ग्रंथावली[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 731 |
  2. जायसी ग्रंथावली, पृष्ठ 335, सम्पादक रामचंद्र शुक्ल, नागरी प्रचारिणी सभा, द्वितीय संस्करण

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