"कच्चा घड़ा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''कच्चा घड़ा''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कच्चा+घड़ा)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=740|url=|ISBN=}}</ref> | '''कच्चा घड़ा''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] [[कच्चा]]+घड़ा)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=740|url=|ISBN=}}</ref> | ||
1. वह घड़ा जो आवें में न पकाया गया हो। | 1. वह घड़ा जो आवें में न पकाया गया हो। | ||
मुहावरा- 'कच्चे घड़े में पानी भरना' = अत्यंत कठिन काम करना। | '''[[मुहावरा]]'''- | ||
*'कच्चे घड़े में पानी भरना' = अत्यंत कठिन काम करना। | |||
2. घड़ा जो खूब पका न हो। सेवर घड़ा। | 2. घड़ा जो खूब पका न हो। सेवर घड़ा। | ||
मुहावरा- 'कच्चे घड़े की चढ़ना' = शराब या ताड़ी आदि को पीकर मतवाला होना। नशे में चूर होना। गहागड्ढ नशा चढ़ना। पागल होना। उन्मत्त होना। बहकना। | मुहावरा- | ||
*'कच्चे घड़े की चढ़ना' = शराब या ताड़ी आदि को पीकर मतवाला होना। नशे में चूर होना। गहागड्ढ नशा चढ़ना। पागल होना। उन्मत्त होना। बहकना। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
06:31, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कच्चा घड़ा - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कच्चा+घड़ा)[1]
1. वह घड़ा जो आवें में न पकाया गया हो।
- 'कच्चे घड़े में पानी भरना' = अत्यंत कठिन काम करना।
2. घड़ा जो खूब पका न हो। सेवर घड़ा।
मुहावरा-
- 'कच्चे घड़े की चढ़ना' = शराब या ताड़ी आदि को पीकर मतवाला होना। नशे में चूर होना। गहागड्ढ नशा चढ़ना। पागल होना। उन्मत्त होना। बहकना।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 740 |
संबंधित लेख