"कइक": अवतरणों में अंतर
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'''कइक''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी [[हिन्दी]]) [[विशेषण]] ([[हिन्दी]] कई+एक)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=732|url=|ISBN=}}</ref> | '''कइक''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी [[हिन्दी]]) [[विशेषण]] ([[हिन्दी]] कई+एक)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=732|url=|ISBN=}}</ref> | ||
अनेक, कई। | |||
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राम दिन कइक ता ठौर अवरे रहे, आइ बल्वल तहाँ दई देखाई। - सूरसागर<ref>सूरसागर, पृष्ठ 585, सम्पादक राधाकृष्णदास, वेंकटेश्वर प्रेस, प्रथम संस्करण</ref> | राम दिन कइक ता ठौर अवरे रहे, आइ बल्वल तहाँ दई देखाई। - [[सूरसागर]]<ref>सूरसागर, पृष्ठ 585, सम्पादक राधाकृष्णदास, वेंकटेश्वर प्रेस, प्रथम संस्करण</ref> | ||
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