"कं": अवतरणों में अंतर
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10:07, 17 अगस्त 2021 के समय का अवतरण
कं संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कम्)[1]
1. जल।
2. विष।
3. अग्नि।
4. कवंध।
5. रस।
6. मेघ।
7. पुष्प।
- उदाहरण
मेघ पुष्प विस सर्वमुख कं कंबंध रस तोय।[2]
8. मस्तक।
- उदाहरण
सिंभु भष के पत्र बन दो बनै चक्र अनूर। देव कं को छत्र छावत सकल सोभा रूप।[3]
9. सुख।
10. काम।
11. सोना
- उदाहरण
कं सुख, कं जल, कं अनल, कं शिर, कं पुनि काम। कं कंचन ते प्रीति तजि, सदा कहो हरिनाम।[4]
12. केश[5]
13. भय[6]
14. कृपणता। कंजूसी[7]
15. दुग्ध। दूध[8]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 716 |
- ↑ नंददास ग्रंथावली, सं. व्रजरत्नदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
- ↑ सूरदास
- ↑ नंददास (शब्द.)
- ↑ अन्य कोश
- ↑ अन्य कोश
- ↑ अन्य कोश
- ↑ अन्य कोश
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