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(वर्ण) जिनका उच्चारण [[कंठ]] और तालु स्थानों से मिलकर हो।
रस्सी या चमड़े की पट्टी जो [[घोड़ा|घोड़े]] के गले में रहती है<ref>अन्य कोश</ref>।
 
विशेष- शिक्षा में 'ए' और 'ऐ' को कंठतालव्य वर्ण या कंठतालव्य कहते हैं। इसका उच्चारण कंठ और तालु से होता है।


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कंठतलासिका - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कण्ठतलासिका)[1]

रस्सी या चमड़े की पट्टी जो घोड़े के गले में रहती है[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 721 |
  2. अन्य कोश

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