"कच्चा जोड़": अवतरणों में अंतर
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'''कच्चा जोड़''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कच्चा+जोड़)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=741|url=|ISBN=}}</ref> | '''कच्चा जोड़''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कच्चा+जोड़)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=741|url=|ISBN=}}</ref> | ||
बर्तन बनाने वालों की बोली में वह जोड़ जो राँगे से जोड़ा गया हो। कच्चा | *बर्तन बनाने वालों की बोली में वह जोड़ जो राँगे से जोड़ा गया हो। | ||
*[[कच्चा टाँका]]। | |||
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05:57, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कच्चा जोड़ - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कच्चा+जोड़)[1]
- बर्तन बनाने वालों की बोली में वह जोड़ जो राँगे से जोड़ा गया हो।
- कच्चा टाँका।
विशेष - यह जोड़ उखड़ जाता है और बहुत दिनों तक नहीं रहता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
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