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'''कंडीलिया''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] ([[हिन्दी]] कंडील या पुर्तग़ाली गंढील)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=723|url=|ISBN=}}</ref>
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वह ऊँचा धरहरा जिसके ऊपर रोशनी की जाती है।
1. वह ऊँचा धरहरा जिसके ऊपर रोशनी की जाती है।


'''विशेष'''- यह [[समुद्र]] में उन स्थानों पर बनाया जाता है जहाँ चट्टानें रहती हैं और जहाज के टकराने का डर रहता है। जहाजों का ठीक मार्ग बतलाने का काम भी इससे लेते हैं। प्रकाश स्तंभ (लाइट हाउस)।
'''विशेष'''- यह [[समुद्र]] में उन स्थानों पर बनाया जाता है जहाँ चट्टानें रहती हैं और जहाज के टकराने का डर रहता है। जहाजों का ठीक मार्ग बतलाने का काम भी इससे लेते हैं। प्रकाश स्तंभ (लाइट हाउस)।
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कंडीलिया - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कंडील या पुर्तग़ाली गंढील)[1]

1. वह ऊँचा धरहरा जिसके ऊपर रोशनी की जाती है।

विशेष- यह समुद्र में उन स्थानों पर बनाया जाता है जहाँ चट्टानें रहती हैं और जहाज के टकराने का डर रहता है। जहाजों का ठीक मार्ग बतलाने का काम भी इससे लेते हैं। प्रकाश स्तंभ (लाइट हाउस)।

2. वह बाँस जिस पर कंदील लटकाई जाये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 723 |

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