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कच्चा। अपरिपुष्ट। | *कच्चा। | ||
*अपरिपुष्ट। | |||
उदाहरण- इस लौंडे की उम्र अभी कच्ची है। | उदाहरण- इस लौंडे की उम्र अभी कच्ची है। | ||
'''कच्ची''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] | '''कच्ची''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] | ||
कच्ची रसोई। केवल पानी में पकाया हुआ अन्न। अन्न जो [[दूध]] या [[घी]] में न पकाया गया हो। 'पक्की' का प्रतिलोम शब्द। सखरी। जैसे- हमारा उनका कच्ची का व्यवहार है। | *कच्ची रसोई। | ||
*केवल पानी में पकाया हुआ अन्न। | |||
*अन्न जो [[दूध]] या [[घी]] में न पकाया गया हो। | |||
*'पक्की' का प्रतिलोम शब्द। | |||
*सखरी। | |||
जैसे- हमारा उनका कच्ची का व्यवहार है। | |||
विशेष- द्विजातियों में लोग अपने ही सम्बंध या बिरादरी के लोगों के हाथ की ही कच्ची रसोई खा सकते हैं। | '''विशेष'''- द्विजातियों में लोग अपने ही सम्बंध या बिरादरी के लोगों के हाथ की ही कच्ची रसोई खा सकते हैं। | ||
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05:32, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कच्ची - विशेषण (हिन्दी कच्चा का स्त्रीलिंग)[1]
- कच्चा।
- अपरिपुष्ट।
उदाहरण- इस लौंडे की उम्र अभी कच्ची है।
कच्ची - संज्ञा स्त्रीलिंग
- कच्ची रसोई।
- केवल पानी में पकाया हुआ अन्न।
- अन्न जो दूध या घी में न पकाया गया हो।
- 'पक्की' का प्रतिलोम शब्द।
- सखरी।
जैसे- हमारा उनका कच्ची का व्यवहार है।
विशेष- द्विजातियों में लोग अपने ही सम्बंध या बिरादरी के लोगों के हाथ की ही कच्ची रसोई खा सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
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