"कच्चा मोतियाबिन्द": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''कच्चा मोतियाबिन्द''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कच्चा+मोतियाबिन्द)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=741|url=|ISBN=}}</ref> | '''कच्चा मोतियाबिन्द''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] कच्चा+मोतियाबिन्द)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=741|url=|ISBN=}}</ref> | ||
वह मोतियाबिन्द जिसमें [[आँख]] की ज्योति बिल्कुल नहीं मारी जाती, केवल धुँधला सा दिखाई देता है। ऐसे मोतियाबिन्द में नश्तर नहीं लगता। | *वह '''मोतियाबिन्द''' जिसमें [[आँख]] की ज्योति बिल्कुल नहीं मारी जाती, केवल धुँधला सा दिखाई देता है। ऐसे मोतियाबिन्द में नश्तर नहीं लगता। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
05:39, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कच्चा मोतियाबिन्द - संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कच्चा+मोतियाबिन्द)[1]
- वह मोतियाबिन्द जिसमें आँख की ज्योति बिल्कुल नहीं मारी जाती, केवल धुँधला सा दिखाई देता है। ऐसे मोतियाबिन्द में नश्तर नहीं लगता।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
संबंधित लेख