"कचोरा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''कचोरा''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''कचोरा''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] काँसा+ओरा प्रत्यय) ([[स्त्रीलिंग]] कचोरी)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=739|url=|ISBN=}}</ref> | '''कचोरा''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[हिन्दी]] [[काँसा]]+ओरा प्रत्यय) ([[स्त्रीलिंग]] कचोरी)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=739|url=|ISBN=}}</ref> | ||
*कटोरी। | |||
*प्याला। | |||
'''उदाहरण''' - | |||
*पान लिए दासी चहुँ ओरा। अमिरित दानी भरे कचोरा। - [[मलिक मुहम्मद जायसी]] | |||
उदाहरण- | *मुकुलित केश सुदेश देखियत नील बसन लपटाए। भरि अपने कर कनक कचोरा पीवत प्रियहि चखाए। - [[सूरदास]] | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
07:04, 8 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कचोरा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी काँसा+ओरा प्रत्यय) (स्त्रीलिंग कचोरी)[1]
- कटोरी।
- प्याला।
उदाहरण -
- पान लिए दासी चहुँ ओरा। अमिरित दानी भरे कचोरा। - मलिक मुहम्मद जायसी
- मुकुलित केश सुदेश देखियत नील बसन लपटाए। भरि अपने कर कनक कचोरा पीवत प्रियहि चखाए। - सूरदास
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 739 |
संबंधित लेख