"कच्ची गोली": अवतरणों में अंतर
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यहाँ किसी ने कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं। क्या | यहाँ किसी ने कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं। क्या मुफ़्त की [[अशर्फी|अशर्फियाँ]] हैं। - फिसाना ए आज़ाद<ref>फिसाना ए आज़ाद, भाग तीन, पृष्ठ 553,पण्डित रतननाथ 'सरशार', नवलकिशोर प्रेस, [[लखनऊ]], चतुर्थ संस्करण</ref> | ||
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09:29, 14 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कच्ची गोली - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्ची+गोली)[1]
- मिट्टी की गोली जो पकाई न गई हो।
- ऐसी गोली खेलने में जल्दी टूट जाती है।
मुहावरा - 'कच्ची गोली खेलना' =
- नातर्जुबे रहना।
- नातजुर्बेकार होना।
- अनाड़ीपन करना।
उदाहरण -
यहाँ किसी ने कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं। क्या मुफ़्त की अशर्फियाँ हैं। - फिसाना ए आज़ाद[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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